कुछ यूं ही #10 September 27, 2017 "प्रणवाक्षर" मैं जो बिखरा हूँ टूटकर तो तुझमें रंग आये हैं मैंने अपनी मौत में भी तुझे आबाद किया है। Share this:TwitterFacebookLike Loading... Related Published by "प्रणवाक्षर" ज़माना जीत लेने को मेरी पूरी तैयारी है, बनाकर पंख शब्दो को मेरी उड़ान जारी है View all posts by "प्रणवाक्षर"